Fascination About shiv chalisa in hindi

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥ जन्म जन्म के पाप नसावे ।

* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।

क्षमहु shiv chalisa in hindi नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।

येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *